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अरविंद केजरीवाल को एक और झटका, कोर्ट ने CBI की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

 सीबीआई ने अपने आवेदन में कहा था कि केजरीवाल पूछताछ के दौरान जानबूझ टालमटोल कर रहे थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में हिरासत में लेकर आगे पूछताछ की आपश्यकता नहीं है।

29 Jun 2024

अरविंद केजरीवाल को एक और झटका, कोर्ट ने CBI की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा

दिल्ली शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक और बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की सीबीआई की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीबीआई ने कोर्ट से केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजने की अपील की थी।  सीबीआई ने अपने आवेदन में कहा था कि केजरीवाल पूछताछ के दौरान जानबूझ टालमटोल कर रहे थे, लेकिन वर्तमान स्थिति में हिरासत में लेकर आगे पूछताछ की आपश्यकता नहीं है।

सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत में भेजा जाए क्योंकि वह एक प्रमुख राजनेता हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के साथ बहुत प्रभावशाली हैं। सीबीआई ने कहा कि अगर उन्हें न्यायिक हिरसत में नहीं भेजा गया तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और पूछताछ के दौरान उनके सामने आए सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।

कोर्ट ने सीबीआई की अपील को स्वीकार करते हुए 12 जुलाई तक केजरीवाल को सीबीआई की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बता दें, हाल ही में सीबीआई ने केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद कोर्ट ने उन्हें तीन दिनों की सीबीआई हिरासत में भेज दिया था। आज हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने केजरीवाल को उनके परिवार से मिलने के लिए 10 मिनट का समय भी दिया था।


सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील विक्रम चौधरी ने अदालत 5 मिनट तक दलीलें पेश करने का अनुरोध किया। अदालत ने कहा के आप एक या दो दिन बाद संबंधित अदालत में जमानत के लिए आवेदन दायर कर सकते हैं। आप न्यायिक हिरासत का विरोध नहीं कर सकते। हालांकि अदालत ने बचाव पक्ष को पांच मिनट सुनने पर सहमति दी।

केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा, केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। 10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि केस डायरी में जो कुछ भी है, वह अदालत के पास होना चाहिए।  अदालत ने कहा कि हालांकि यह देखना अदालत का दायित्व है कि जांच अधिकारी ने मामले की जांच के दौरान क्या कदम उठाए है, यह अदालत और जांच अधिकारी के बीच का मामला है। सभी के सामने जांच का खुलासा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस बारे में चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है, अदालत रिमांड की आवश्यकता पर खुद को संतुष्ट करेगी। अदालत ने कहा कि पुलिस रिमांड पूरा होने के बाद अदालत के पास न्यायिक हिरासत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लेकिन आरोपी जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।

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